Checklist for registration of partnership firm under the and Indian partnership Act 1932.
1 Number of partners to be minimum 2 and maximum 19.
2. 2 copies of form No 1 to be submitted along with details of partners of the firm (Name, Age, Address) to district deputy registrar office where head office of firm is located.
3. partnership deed to be typed on Rs.900 non judicial stamp paper mentioning share among partners, sleeping partner, working partner account operator and attested by notary and signature of the partners.
4. Affidavit of Form No 1 with all the details mentioned and attested by notary.
5. Address proof of the office:-sale deed/electric bill/water bill/khatoni.
6. Rent agreement from owner of the house (is office is rented).
7. Residential address proof of all the partner Aadhar with photo and self-attested.
8. After approval the documents, a challan of Rs. 5000.
Registration Processors of Partnership Firms
Start ↓ Applicant has to register in the system and Create login credentials→
Applicant then fills the application Form,upload the documents and Submits the application. ↓ Application reaches dispatcher ↓ Dispatcher forwards the application To operator. ↓ Operator verifies the application and All the documents attached. ↓ If the application and all the document Are satisfactory. | Yes | Operator forwards the application To supervisor. ↓ Supervisor verifies the application and All the documents attached.→ A
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B | ---Applicant has to login to the system with the credentials ↓ Applicant then selects the type of application (Registration of Partnership Firms) to be made ←
No→ operator forwards the application to the Applicant with objection reasons to supervisor. ↓ Supervisor forwards objection to Registrar ↓ B |
A ↓ If the application and all the Documents are satisfactory.→ | Yes | Supervisor forwards the application To Registrar. ↓ Registrar verifies and approves the Application. ↓ Online challan will be generated Applicant then submits the challan Fee . ↓ Registrar grants the Registration. ↓ Generated Registration Certificate and Send to the applicants account ↓ Stop
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B | --------No→ Registrar returns the application to the applicant With objection reasons. ↓ applicant remove the objection and upload the Document again on the site and send hard copies to The office .
→ Receipt by Dispatcher and forwards it to operator. ↓ Operator verifies the payment and forwards to Supervisor for grant. ↓ Supervisor verifies the payment and forward to Registrar.
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फार्म नं0 - 1 का प्रारूप
भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 58(1) के अन्तर्गत भागीदारी फर्म के पंजीकरण का विवरण
1- फर्म का नाम (हिन्दी में)
2- फर्म के व्यवसाय का प्रधान स्थान (हिन्दी में)
3- फर्म के व्यापार का अन्य स्थान
4- भागीदारी की तिथि
5- भागीदारो के पूरे नाम, पिता/पति का नाम, पता व आयु
6- फर्म की अवधि
7- रिमार्क
8- फर्म का व्यवसाय
सभी भागीदारों के हस्ताक्षर सत्यापन
हम उपरोक्त भागीदार शपथ पूर्वक बयान करते है कि उक्त विवरण हमारे ज्ञान एवं विश्वास में सत्य एवं सही है।
आज दिनांक .............................................. को स्थान .............................. को सत्यापित किया गया है।
सभी साझोदारों के हस्ताक्षर
फर्म का नाम परिवर्तन करने हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 - 2
भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 60(1) के अन्तर्गत पंजीकृत फर्म के नाम परिवर्तन करने हेतु विवरण पत्र
फर्म का पूर्व नाम
(हिन्दी में) फर्म का प्रस्तावित परिवर्तित नाम
(हिन्दी में) नाम परिवर्तन की तिथि व्यवसाय का प्रधान स्थान
दिनाँक हस्ताक्षर
नोट: - उपरोक्त विवरण एक्ट की धारा 58 के प्राविधानों के तहत सत्यापित एवं हस्ताक्षरित किया जाना
है।
फर्म व्यवसाय के प्रधान स्थान परिवर्तित करने हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 -3
भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 60(1) के अन्तर्गत पंजीकृत फर्म के व्यवसाय का प्रधान स्थान परिवर्तित करने हेतु विवरण पत्र
फर्म का पूर्व नाम
(हिन्दी में) फर्म व्यवसाय का पूर्व प्रधान स्थान
(हिन्दी में) परिवर्तित प्रधान स्थान परिवर्तित प्रधान स्थान की तिथि
दिनाँक हस्ताक्षर
फर्म व्यवसाय के प्रधान स्थान के अतिरिक्त अन्य दूसरे स्थान पर व्यवसाय करने हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 - 4
पंजीकृत फर्म द्वारा प्रधान स्थान के अतिरिक्त अन्य दूसरे स्थान पर व्यवसाय करने हेतु जारी सूचना (भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा-61 के अन्तर्गत)
फर्म का नाम (हिन्दी में)
प्रस्तुतकर्ता द्वारा पूर्ण करने हेतु
निबन्धक, फम्र्स, सोसाईटीज एवं चिट्स उŸाराखण्ड
मैं हस्ताक्षरकर्ता
फर्म का साझेदार ............................................. की हैसियत से आपको सूचित करता हूँ कि फर्म ..........................का अतिरिक्त अन्य दूसरे स्थान पर व्यवसाय दिनाँक........................... से संचालित होगा।
दिनाँक हस्ताक्षर
सत्यापन
हम उपरोक्त भागीदार शपथ पूर्वक बयान करते है कि उक्त विवरण हमारे ज्ञान एवं विश्वास में सत्य एवं सही है।
आज दिनांक ................................ को स्थान .................................... को सत्यापित किया गया है।
भागीदार के नाम परिवर्तन करने हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 -5
भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 60(1) एवं 62 के अन्तर्गत भागीदार के नाम में परिवर्तन होने के सम्बन्ध में आवेदन पत्र
सेवा में,
रजिस्ट्रार
फम्र्स, सोसाईटीज एवं चिट्स,
देहरादून उŸाराखण्ड।
धारा-62 के तहत सूचना का प्रेषण:-
फर्म ................................................जिसका प्रधान स्थान.............................................है के भागीदार के नाम परिवर्तन की सूचना निम्न प्रकार से है:-
भागीदार का पूर्व नाम भागीदार का वर्तमान नाम नाम परिवर्तन की तिथि परिवर्तित प्रधान स्थान की तिथि
उक्त सूचनाएं सत्यापित एवं हस्ताक्षरित की गई।
दिनांक भागीदारों के हस्ताक्षर
फर्म की मोहर सहित
भागीदार के स्थायी निवास के पते में परिवर्तन करने हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 - 6
भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 60(2) एवं 62के अन्तर्गत भागीदार स्थायी पता
परिवर्तन का नोटिस
सेवा में,
रजिस्ट्रार
फम्र्स, सोसाईटीज एवं चिट्स,
देहरादून उŸाराखण्ड।
धारा-62 के तहत सूचना का प्रेषण:-
उक्त उल्लिखित अधिनियम के अन्तर्गत फर्म के भागीदार श्री........................................है, का पता परिवर्तन किया गया।
पूर्व पता वर्तमान पता पता परिवर्तन की तिथि
उक्त सूचनाएं सत्यापित एवं हस्ताक्षरित की गई।
दिनांक फर्म के भागीदारों के हस्ताक्षर
फर्म के विधान में परिवर्तन हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 - 7
भारतीय सहभागिता अधिनियम 1932 की धारा - 63(1) के अन्तर्गत पंजीकृत फर्म के विधान में परिवर्तन करने की सूचना
सेवा में,
निबन्धक
फम्र्स सोसाईटीज एवं चिट्स
देहरादून।
मैं.................................................... (फर्म का भागीदार अथवा अधिकृत प्रतिनिधि) निम्न प्रकार सूचित करता हूँ:-
(फर्म में विधान परिवर्तन का स्पष्ट उल्लेख किया जाये)
नोट:- फर्म के विधान परिवर्तन की नई एग्रीमेन्ट डीड की नोटरी द्वारा सत्यापित प्रति संलग्न की जाये।
दिनांक भागीदारों के
फर्म के विघटन हेतु आवेदन पत्र
फार्म नं0 - 8
भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 63(1) के अन्तर्गत फर्म विध्टान हेतु नोटिस
सेवा में,
निबन्धक
फम्र्स सोसाईटीज एवं चिट्स
देहरादून।
मैं..............................................फर्म का भागीदार (या अधिकृत एजेण्ट) फर्म.....................................के विघटन हेतु दिनांक .......................................... को सूचित करता हूँ कि फर्म ............................................पता............................................. दिनांक........................................को विघटित कर दी गई है।
फर्म के लेन-देन की तथा विघटन डीड की सत्यापित प्रति संलग्न की जा रही है।
सत्यापन
दिनांक भागीदारों के हस्ताक्षर
आवश्यक होने वाले अथवा न होने वाले भागीदार के द्वारा दी जाने वाली सूचना
फार्म नं0 - 9
(भारतीय भागीदारी अधिनियम 1932 की धारा - 63(1) के अन्तर्गत फर्म के भागीदार के द्वारा अव्यस्क होने अथवा न होने की सूचना)
स्मक्ष:ः निबन्धक, फम्र्स सोसाईटीज एवं चिट्स, उŸाराखण्ड
मैं.................................का.......................................भागीदारों के लाभ को प्राप्त करने हेतु फर्म.............................. में शामिल हो गया हूँ। फर्म का मुख्य कारोबारी स्थान.................................पर मैं यह नोटिस प्रस्तुत कर रहा हूँ कि मैने व्यस्कता प्राप्त कर ली है।
श्री............................पुत्र............................पता.....................................उम्र.....................नामक व्यक्ति फर्म में भागीदार बन गया है/नहीं बना है।
भागीदार/अधिकृत प्रतिनिधि
सत्यापन
मैं सत्यापित करता हूँ कि उपरोक्त विवरण सत्य है।
दिनांक भागीदार/अधिकृत प्रतिनिधि
Time Line of Disposal of Application for Firm Registration/Amendment is 30 days.